शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स - पार्ट 2 हिंदी में - Hindi mey

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शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स - पार्ट 2 हिंदी में

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Sherlock Holmes - The five orange pips (शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स हिंदी में)

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आपको बता देना चाहेंगे की ये सभी कहानियाँ "The Adventures of Sherlock Holmes" का अनुवाद मात्र है, जिसके लेखक Mr. Doyle, Arthur Conan हैं| इन सभी कहानियों का पूर्णतः श्रेय Doyle, Arthur Conan को ही जाता है| अगर अनुवाद में कुछ त्रुटिआ हुई हो तो माफ़ी चाहता हु|

शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स - पार्ट 2 हिंदी में 
   सभी लोगों ने उसे आत्महत्या मान लिया| लेकिन मैं जानता था कि वह मौत से कितना डरते थे| मैं खुद इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूँ| कुछ दिन बाद मामला ठंडा हो गया| इसके बाद मेरे पिता ने जायदाद और चौदह हज़ार पौंड जो बैंक में थे अपने अधिकार में ले लिए|"
sherlock holmes stories i hindi read online, sherlock holmes hi kahaniya hindi me online read, शर्लाक होल्म्स कहानी, stories of sherlock holmes in hindi, हिंदी में शेरलॉक होम्स की कहानियां, Sherlock Holmes - The five orange pips (शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स)"एक पल रुको|" होम्स ने हस्तक्षेप किया-"मैं देखता हूँ कि तुम्हारा वक्तव्य अद्वितीय है, ऐसा मैंने आज तक नहीं सुना| तुम्हारे चाचा द्वारा ख़त को हासिल करना व आत्महत्या तारीख मुझे दो|"
"ख़त दस मार्च, सन १८८३ को मिला था| फिर उनकी मृत्यु १० सप्ताह बाद २ मई को हुई|"

"थैंक्यू-| आगे बताओ|"

"जब मेरे पिता ने सारी जायदाद अपने अधिकार में ले ली तो मेरे कहने पर उन्होंने अटारी वाले कमरे का जायजा लिया| हमने वहां पीतल का बक्सा देखा| उसमे रखा सामान नष्ट कर दिया गया था| इसके कवर में एक पर्ची चिपकी हुई थी| जिस पर 'के के' लिखा था| इसके नीचे 'पत्र' मेमो, रसीदें व एक पुस्तिका लिखा था|

हमने सोचा कि यह उन कागजों के विषय में था जो चाचा ने नष्ट कर दिए| और अटारी में कुछ ख़ास सामान नहीं था सिवाय किताबों और कागजों के| इन कागजों में मेरे चाचा ने अमेरिका के बारे में लिखा था| उनमें कुछ युद्ध के समय के थे| जिससे पता चलता था कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन अच्छी तरह किया था|

इसी के साथ उन्होंने एक बहादुर सिपाही होने की प्रतिष्ठा भी लूटी थी| दूसरे दक्षिणी प्रान्तों में पुनर्निर्माण के समय के थे, और ज्यादातर राजनीति से ताल्लुक रखते थे| क्योंकि उन्होंने उत्तर से आए राजनीतिज्ञों के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था| सन १८८४ की घटना है, जब मेरे पिता हाशमि में बसने आये थे और जनवरी, १८८५ तक सब कुछ जितना अच्छा चल सकता था चला| नववर्ष के चौथे दिन जब हम नाश्ते की टेबल पर बैठे हुए थे| मैंने अपने पिता को हैरानी से तेज़ लहजे में चिल्लाते हुए देखा| वह वहां बैठे थे, और उनके एक हाथ में अभी खोला गया एक लिफाफा था और दूसरे हाथ की हथेली में संतरे के पांच बीज सूखे हुए थे| वह कर्नल के विषय में हमेशा मेरी कहानी पर हंसते थे|

लेकिन अब जब वही बात उनके साथ गुजरी थी तो वह बुरी तरह भयभीत हो गए थे|
"क्यों जॉन, इस बात का क्या मतलब होता है?" मेरे पिता ने हडबडाकर मुझसे पूछा|
"मेरा दिल डूबा जा रहा था| यह 'के...के...के' हैं|" मैंने कांपती आवाज़ में उन्हें बताया|
उन्होंने लिफाफे के अन्दर झांका|

"ऐसा ही है|" वह जोर से चिल्लाये-"यह अल्फाज हैं, पर यह इनके ऊपर क्या लिखा है?"

"कागज सूर्य घड़ी पर रख दो|" मैंने उनके कंधे के ऊपर से झांकते हुए उस कागज को पढ़ा|

"कौन-से कागज-? कौन-सी सूर्य घड़ी की बात कर रहे हो?" उन्होंने उलझनभरे स्वर में पूछा|

"बगीचे वाली सूर्य घडी| और कोई दूसरी है ही नहीं|" मैंने बताया-"लेकिन कागज वह हैं जो नष्ट हो चुके हैं|"
"हूँ|" उन्होंने अपनी हिम्मत को बटोरते हुए कहा-"हम यहां एक सभ्य क्षेत्र में हैं, और इस तरह की बेवकूफी हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते| यह लिफाफा कहां से आया है?"

"डूंडी से आया है|" मैंने लिफ़ाफ़े के डाक चिन्ह को अच्छी तरह देखा और उन्हें बता दिया|

"यह एक बड़ा ही भद्दा मजाक है|" उन्होंने गुस्से में कहा-"मुझे सूर्य घड़ी और कागजों का क्या करना है? मैं इस तरह की बेहूदा और बेकार बातों पर हरगिज़ ध्यान नहीं दूंगा|"

"मुझे इस बारे में निश्चित तौर पर पुलिस को सब-कुछ बता देना चाहिए|" मैंने कहा|

"और मेरे दुःख पर हंसना चाहिए| ऐसा कुछ नहीं करना है|" उन्होंने गुस्से से भरे लहजे में कहा|

"मुझे करने दो|"

"नहीं, जब मैंने तुम्हे मना कर दिया| मैं इस प्रकार की बेहूदगी का तमाशा नहीं लगाना चाहता हूं|"
sherlock holmes stories i hindi read online, sherlock holmes hi kahaniya hindi me online read, शर्लाक होल्म्स कहानी, stories of sherlock holmes in hindi, हिंदी में शेरलॉक होम्स की कहानियां, Sherlock Holmes - The five orange pips (शरलॉक होल्म्स की कहानियाँ - द फाइव ऑरेंज पिप्स)उनसे बहस करना बेकार था, क्योंकि वह बड़े अड़ियल आदमी थे| मैं अपने मन में आवेश लेकर चला गया| इस ख़त के मिलने के तीन दिन बाद मेरे पिता अपने दोस्त मेजर फ्रीबांडी से मिलने के लिए गए| जो पोर्टसडाऊन की पहाड़ी पर स्थित किलों में से एक के प्रभारी है| मैं बहुत खुश था, क्योंकि मुझे लगा कि जब वह घर से बहार होंगे तो हर खतरे से बचे रहेंगे|
लेकिन ऐसा सोचना मेरी भूल थी| उनकी गैरहाजिरी के दूसरे दिन मुझे मेजर द्वारा भेजा गया तार मिला| उसने मुझे फ़ौरन बुलाया था| मेरे पिता पड़ौस के खुले पड़े खड़िया के गड्ढे में गिर गए थे और अचेत थे| उनका सर फट चुका था| मैं वहां फ़ौरन पहुंचा लेकिन तब तक वह मर चुके थे|
ऐसा लगता है जैसे वह गोधूली में फारेहैम से लौट रहे थे, चूंकि गांव से अनजान थे और खड़िया के गड्ढे खुले हुए थे| मारने वाले ने उन्हें इसमें गिराकर दुर्घटना घोषित कर दिया| उनकी मौत से जुड़े प्रत्येक तथ्य का मैंने बारीकी से निरीक्षण किया है, लेकिन ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा, जिससे हत्या घोषित किया जा सके|
उनके शरीर पर कहीं कोई चोट का निशान नहीं था| कोई लूटमार नहीं की, उस मार्ग पर किसी अजनबी के आने-जाने के निशान भी नहीं थे|

आप खुद समझ सकते हैं कि उस समय मेरी क्या हालत होगी| मैं पूरी तरह से निश्चित था कि उनके चारों तरफ कोई जाल बुना गया है|"

"इस प्रकार मैं उत्तराधिकारी बना| आप जानना चाहेंगे कि मैंने इससे छुटकारा क्यों नहीं पाया| मेरा जवाब यही है कि मुझे अच्छी तरह यकीन था कि हमारे कष्ट चाचा की जिन्दगी की किसी घटना पर निर्भर थे-और खतरा एक घर में भी उतना ही होगा जितना दुसरे घर में| यह जनवरी, १८८५ की बात है कि बेचारे मेरे पिता ख़त्म हो चुके थे-और तब से दो साल आठ महीने बीत चुके हैं| इस दौरान से ख़ुशी-ख़ुशी हाशिम में रह रहा हूँ| अब मैंने उम्मीद करना शुरू कर दिया था कि मेरे परिवार के ऊपर से ये श्राप हट चुका है|
मैं सोच रहा था कि पिछली पीढी के साथ ही उसका खात्मा हो चूका था| मैं इसलिए सुखपूर्वक दिन गुजार रहा था, लेकिन कल सुबह उसी के मुताबिक उसी प्रकार का धक्का लगा, जैसा मेरे पिता के साथ हुआ था और जैसा मेरे चाचा के साथ हुआ था|"
नौजवान ने अपनी जेब से एक मुड़ा हुआ लिफाफा निकला और उसे मेज की तरफ मुड़कर उसमें से संतरे के पांच सूखे हुए बीज निकालकर होम्स को दिखाए|

"यह लिफाफा है|" उसने कहा-"डाकचिन्ह लन्दन का है| पूर्वी प्रभाग| अन्दर वही शब्द लिखे हैं जो मेरे पिता के अंतिम सन्देश में लिखे थे|
'के...के...के' और 'फिर कागज सूर्य घडी के ऊपर रख दो'|"

"तुमने क्या किया?" होम्स ने पूछा|

"कुछ भी तो नहीं|"

"कुछ नहीं किया?"

"सच बताऊँ|" उसने कहा|

"हाँ|"
उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में छिपा लिया और फिर हिम्मत करके बोला-

"मैं अपने आपको बिल्कुल असहाय महसूस कर रहा हूं, मैं अपने आपको उन खरगोशों की तरह समझ रहा हूं जिनकी तरफ सांप बढ़ रहा होता है| मैं किसी विरोधहीन बला की पकड़ में आ गया हूं जिससे कोई पूर्वदर्शिता, कोई सावधानी रक्षा ना कर सके|" "च! च!" शरलॉक होम्स चिल्लाया-"तुम्हें कुछ करना चाहिए लड़के, नहीं तो तुम गए| उर्जा के अलावा तुम्हें कोई नहीं बचा सकता| यह समय निराशा का नहीं है|"

"मैं पुलिस के पास भी गया था मिस्टर होम्स! मगर वहां जाकर कोई फायदा नहीं हुआ|"

"अच्छा!"

"वह लोग मेरी कहानी सुनकर मुस्कुरा रहे थे| मुझे यकीन है कि इंस्पेक्टर के विचार में सारे ख़त किसी के द्वारा किया गया मजाक है और मेरे परिवार वालों की मौत दुर्घटनावश थी, जैसा कि निर्णायक मंडल ने कहा था और चेतावनियों से उसका कोई ताल्लुक नहीं है|"
होम्स ने अपनी मुट्ठी बंधे हाथ हवा में लहराए-"अविश्वाशी मूर्खता|" वह जोर से चिल्लाया|

"फिर भी उन्होंने मेरे साथ घर में रुकने के लिए एक पुलिस वाला लगा दिया है|"

"वह आज रात तुम्हारे साथ आया है यहां पर?" होम्स के चेहरे पर सोच की परछाइयां थीं|

"नहीं| उसे घर में रुकने के आदेश दिए गये थे, इसलिए मैं अकेला ही यहां आया हूं|" उसने बताया|
होम्स ने गौर से हवा में देखा|

"तुम मेरे पास क्यों आये हो?" उसने कहा-"और सबसे बड़ी बात यह है कि तुम तुरंत मेरे पास क्यों नहीं आये?"

"मुझे आपके बारे में पता नहीं था|" उसने बताया-"इसलिए मैं आप तक नहीं पहुंच सका|"

"अब किसने बताया?"

"आज ही मैंने मेजर पैंडरगास्ट से अपने दुःख के बारे में बात की तो उन्होंने मुझे आपके पास भेज दिया|"

"तुम्हें ख़त मिले दो दिन हो चुके हैं| हमने इस पर पहले काम किया होता| मेरे विचार में आगे तुम्हारे पास इसके अलावा कोई प्रमाण नहीं है, जो तुमने हमें सुनाया-कोई सहायक ब्यौरा नहीं, जिसकी वजह से हमें मदद मिल सके?"

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मैं सोचता हूं कि यह संभवतः उनमे से एक कागज हो सकता है, जो उनमे से उड़ गया होगा और इस तरह नष्ट होने से बच गया| मैं देख रहा हूं कि बीजों के अलावा और कुछ सहायक नहीं है| मेरे ख्याल से यह किसी निजी डायरी का पृष्ठ है और निस्संदेह इस पर मेरे चाचा का लेख है|"

होम्स ने लैम्प सरकाया और हम दोनों कागज पर झुक गए| इसकी उधड़ी किनारी बता रही थी की इसे किसी किताब से फाड़ा गया है, ऊपर इसके मार्च, 1869 लिखा था और नीचे यह उलझनपूर्ण विवरण-
"4 को, हडसन आया| वही पुराना मंच|"
"7 को, मैक्कॉले, पैरोमोर और सेंट ऑगस्टिन जॉन स्वेन को बीज भेजे गए हैं|"
"9 को, मैक्कॉले हट गया|"
"10 को, जॉन स्वेन हट गया|"
"12 को, पैरोमोर से मिले, सब बढ़िया|"

"धन्यवाद|" कागज को मोड़कर हमारे अतिथि को लौटते हुए होम्स ने कहा- "अब तुम्हे किसी भी वजह से एक भी पल नहीं गवाना चाहिए| जो कुछ भी अभी तुमने हमें सुनाया, हमारे पास इसके बारे में बात करने का भी वक्त नहीं| तुम फ़ौरन घर पहुंचो और काम करो|"

"मुझे क्या करना होगा?"

"एक काम है जो तुम्हे फ़ौरन करना पड़ेगा|"

"बताइये|"

"तुम इस कागज को उसी पीतल के बक्से में रख दो, जिसके बारे में तुमने हमें बताया| इसमें यह भी लिखकर रखना की अन्य कागज तुम्हारे चाचा द्वारा जला दी गए थे| यह अंतिम कागज है| तुम सहमत होगे की इससे उन्हें यकीन हो जाएगा|"

"इतना काम करने के बाद फ़ौरन सूर्य घडी पर निर्देश के मुताबिक रख देना| समझ गए?"

"जी हां| समझ गया|"

"अभी बदला लेने या इस तरह की बातें मत सोचो| मेरे ख्याल से वह हम क़ानून के द्वारा भी ले सकते हैं| मगर अभी हमें अपना जाल बुनना है जबकि उनका पहले ही बुना हुआ है| पहला काम तुम्हारे ऊपर से खतरा हटाना है| दूसरा काम है इस राज को सबके सामने प्रकट करना, और गुनहगारों को उनके किए के सजा दिलवाना|"

"मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं|" उस नौजवान ने अपना ओवरकोट पहनते हुए कहा- "आपने मुझे एक नै जिन्दगी और उम्मीद दे है, मैं वैसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है|"

"एक पल भी मत गवाना, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि अपना पूरी तरह ख्याल रखना, क्योंकि मैं नहीं सोचता कि इस बात में कोई संदेह है कि तुम एक वास्तविक और तत्काल खतरे में हो| तुम यहां से हिफाजत के साथ घर कैसे जाओगे?"
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"वाटरलू से ट्रेन के जारी|"

"अभी नौ नहीं बजे हैं| सड़कों पर भीड़-भाड़ होगी, मैं सोचता हूं कि तुम सुरक्षित रहोगे, लेकिन फिर भी तुम अपनी उतनी हिफाजत नहीं कर सकते हो जितनी मैं सोच रहा हूं|"

"मेरे पास हथियार हैं|" उस नौजवान ने कहा-"आप मेरी चिंता न कीजिए|"

"अच्छी बात है, अब तुम घर के लिए निकलो, कल मैं तुम्हारे मामले पर ही काम करूंगा|"

"तो फिर कल हाशमि में मुलाकात होगी|"

"नहीं मैं हाशमि नहीं आऊंगा|" होम्स ने कहा- "तुम्हारा रहस्य लन्दन में है, मैं यहीं खोजूंगा|"

"फिर मैं आपको कागज और बक्से के साथ एक-दो दिन में मिल रहा हूं| मैं हर ख़ास बात में आपकी सलाह लूंगा|" उसने कहते हुए हाथ मिलाया और विदा हो गया|




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