बेताल पच्चीसी की पाँचवीं कहानी - असली वर कौन? Fift Story of Vikram and Vaital ! Vikram vaital ki Panchvi kahani - Asali Var Koun बिक्रम बैताल के सभी कहानियों की सूची या बैताल पच्चीसी, list of bikram betal stories in hindi, vikram baital, betal, vetal, vikram, raja vikramditya hindi, vikram, all vikram vaital stories in hindi pdf download, hindi stories, list, all story in hindi, hindi me kahaniya, bikram vaital ki kahaniya hindi
जब राजा विक्रमादित्य उसको लेकर वापस आने लगे तो बैताल ने एक और कहानी सुनाई| आईये पढ़ते है , क्या थी वो कहानी|
बेताल पच्चीसी की पाँचवीं कहानी - असली वर कौन?
उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच राजा ने उसे एक दूसरे राजा के पास भेजा। कई दिन चलकर हरिदास वहाँ पहुँचा। राजा ने उसे बड़ी अच्छी तरह से रखा। एक दिन एक ब्राह्मण हरिदास के पास आया। बोला, “तुम अपनी लड़की मुझे दे दो।”Fift Story of Vikram and Vaital ! Vikram vaital ki Panchvi kahani - Asali Var Koun बिक्रम बैताल के सभी कहानियों की सूची या बैताल पच्चीसी, list of bikram betal stories in hindi, vikram baital, betal, vetal, vikram, raja vikramditya hindi, vikram, all vikram vaital stories in hindi pdf download, hindi stories, list, all story in hindi, hindi me kahaniya, bikram vaital ki kahaniya hindi me
बेताल पच्चीसी की पाँचवीं कहानी - असली वर कौन?
उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच राजा ने उसे एक दूसरे राजा के पास भेजा। कई दिन चलकर हरिदास वहाँ पहुँचा। राजा ने उसे बड़ी अच्छी तरह से रखा। एक दिन एक ब्राह्मण हरिदास के पास आया। बोला, “तुम अपनी लड़की मुझे दे दो।”Fift Story of Vikram and Vaital ! Vikram vaital ki Panchvi kahani - Asali Var Koun बिक्रम बैताल के सभी कहानियों की सूची या बैताल पच्चीसी, list of bikram betal stories in hindi, vikram baital, betal, vetal, vikram, raja vikramditya hindi, vikram, all vikram vaital stories in hindi pdf download, hindi stories, list, all story in hindi, hindi me kahaniya, bikram vaital ki kahaniya hindi me
हरिदास ने कहाँ, “मैं अपनी लड़की उसे दूँगा, जिसमें सब गुण होंगे।”
ब्राह्मण ने कहा, “मेरे पास एक ऐसा रथ है, जिस पर बैठकर जहाँ चाहो, घड़ी-भर में पहुँच जाओगे।”
हरिदास बोला, “ठीक है। सबेरे उसे ले आना।”
Fift Story of Vikram and Vaital ! Vikram vaital ki Panchvi kahani - Asali Var Koun बिक्रम बैताल के सभी कहानियों की सूची या बैताल पच्चीसी, list of bikram betal stories in hindi, vikram baital, betal, vetal, vikram, raja vikramditya hindi, vikram, all vikram vaital stories in hindi pdf download, hindi stories, list, all story in hindi, hindi me kahaniya, bikram vaital ki kahaniya hindi me
अगले दिन दोनों रथ पर बैठकर उज्जैन आ पहुँचे। दैवयोग से उससे पहले हरिदास का लड़का अपनी बहन को किसी दूसरे को और हरिदास की स्त्री अपनी लड़की को किसी तीसरे को देने का वादा कर चुकी थी। इस तरह तीन वर इकट्ठे हो गये। हरिदास सोचने लगा कि कन्या एक है, वह तीन हैं। क्या करे! इसी बीच एक राक्षस आया और कन्या को उठाकर विंध्याचल पहाड़ पर ले गया। तीनों वरों में एक ज्ञानी था। हरिदास ने उससे पूछा तो उसने बता दिया कि एक राक्षस लड़की को उड़ा ले गया है और वह विंध्याचल पहाड़ पर है।
दूसरे ने कहा, “मेरे रथ पर बैठकर चलो। ज़रा सी देरी में वहाँ पहुँच जायेंगे।”
तीसरा बोला, “मैं शब्दवेधी तीर चलाना जानता हूँ। राक्षस को मार गिराऊँगा।”
वे सब रथ पर चढ़कर विंध्याचल पहुँचे और राक्षस को मारकर लड़की को बचा जाये।
इतना कहकर बेताल बोला “हे राजन्! बताओ, वह लड़की उन तीनों में से किसको मिलनी चाहिए?”
राजा ने कहा, “जिसने राक्षस को मारा, उसकों मिलनी चाहिए, क्योंकि असली वीरता तो उसी ने दिखाई। बाकी दो ने तो मदद की।”
राजा का इतना कहना था कि बेताल फिर पेड़ पर जा लटका और राजा फिर उसे लेकर आया तो रास्ते में बेताल ने छठी कहानी सुनायी।
Fift Story of Vikram and Vaital ! Vikram vaital ki Panchvi kahani - Asali Var Koun बिक्रम बैताल के सभी कहानियों की सूची या बैताल पच्चीसी, list of bikram betal stories in hindi, vikram baital, betal, vetal, vikram, raja vikramditya hindi, vikram, all vikram vaital stories in hindi pdf download, hindi stories, list, all story in hindi, hindi me kahaniya, bikram vaital ki kahaniya hindi me
No comments:
Post a Comment