जिस दुनिया म रहते थे हम दोस्तो
वो दुनिया बदलने लगी हैं
नफ़रत,लालच,द्वेष में देखो
कैसे ये जलने लगी हैं
चहकती थी चिड़िया जहाँ पर कभी
वही उसके बच्चे भी मरने लगे हैं
ये बच्चे, वो बूढ़े, जवान सभी
घर से निकलने से डरने लगे हैं
गले मिलते थे सीने जो कल तक अभी
वही आज देखो जी तने पड़े हैं
दुआ देते थे हाथ
दुआ देते थे जो हथ कल तक अभी
वही आज ले बन्दूखे खड़े हैं
कल तक थे जो पक्के दोस्त कभी
वही आज टक्कर के दुश्मन बने हैं
जिस दुनिया मे रहते थे हैम दोस्तो
वो दुनिया न जाने क्यों बदलने लगी हैं
नफ़रत,लालच और द्वेष में
न जाने क्यों जलने लगी हैं
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